वसी जैदी
भारत ने औपचारिक रूप से पहलगाम हमले के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार नहीं माना है, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस तरह से मधुबनी की रैली में सिंह गर्जना की, उससे पाकिस्तान खुद ही दुनिया को बता रहा है कि भारत उस पर हमला करने वाला है। यही नहीं, पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ने तो स्वीकार भी कर लिया कि उनका देश पिछले तीस सालों से आतंकवादियों को तैयार कर रहा है। हालांकि उन्होंने कहा कि ऐसा पाकिस्तान अमेरिका और रूस जैसी महाशक्तियों के लिए कर रहा था। जाहिर है, पाकिस्तान के तमाम मंत्री विदूषक की तरह अलग-अलग तरीके के बयान और गीदड़ भभकियां दे रहे हैं। जबकि इन सब से निश्चिंत भारत इस बार आतंकवाद के समूल नाश करने को लेकर बेहद गंभीर है। यही वजह है कि भारत की तीनों सेनाएं इस समय युद्धाभ्यास करने में व्यस्त हैं। दूसरी तरफ, भारत पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय कूटनीति के मैदान में भी घेरने की कोशिश कर रहा है, बल्कि यह कहना ज्यादा सही होगा कि भारत अपने इन प्रयासों में सफल भी हो रहा है। इस समय चीन को छोडक़र दुनिया के सभी प्रमुख देश आतंकवाद की इस लड़ाई में भारत के साथ हैं। कुल मिलाकर, भारत आंतरिक और बाह्य सुरक्षा को लेकर बहुआयामी प्रयास कर रहा है। दरअसल, एक तरफ भारत पहलगाम हमले के गुनहगारों पर एक्शन लेने की तैयारी कर रहा है, तो दूसरी तरफ हम अपना डिफेंस पावर बढ़ाने में भी जुटे हैं। इसी के चलते भारत और फ्रांस के बीच बीते दिनों सबसे बड़ी डिफेंस डील हुई है। दरअसल, भारत ने फ्रांस से 26 राफेल मरीन फाइटर जेट खरीदने के करार पर हस्ताक्षर किए हैं। यह डील करीब 63 हजार करोड़ रुपये की होगी। ये 26 राफेल मरीन लड़ाकू विमान भारतीय नौसेना के लिए होंगे। कुछ समय पहले ही रक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी ने इस डील को मंजूरी दी थी। इसके तहत फ्रांस भारत को 22 सिंगल-सीटर और 4 ट्विन-सीटर राफेल देगा। ये सभी राफेल विमान आईएनएस विक्रांत से ऑपरेट होंगे। अभी आईएनएस विक्रांत पर मिग-29 तैनात हैं। राफेल मरीन प्लेन मिग-29 की जगह लेंगे। बीते रोज राफेल मरीन विमानों के बेड़े के रखरखाव, लॉजिस्टिक सपोर्ट, पर्सनल ट्रेनिंग और स्वदेशी निर्माण को लेकर भी समझौता हुआ। भारत की इस डील से पाकिस्तान खौफ में है, क्योंकि पहलगाम हमले के बाद भारत ने आईएनएस विक्रांत को अरब सागर में उतार दिया है। यह फ्रांस के साथ भारत का राफेल को लेकर दूसरा करार है। अभी तक फ्रांस भारत को 36 राफेल फाइटर जेट प्लेन दे चुका है, जो भारत की सरहदों पर अपनी गर्जना से दुश्मनों में कंपकंपी पैदा कर रहे हैं। 36 राफेल फाइटर प्लेन एयरफोर्स में तैनात हैं और इनके लिए अंबाला और हाशिमारा में एयरफोर्स दो स्क्वाड्रन बना चुका है। अब नए राफेल सौदों की डील हो रही है। इसके तहत मिलने वाले सभी 26 राफेल प्लेन इंडियन नेवी को मिलेंगे। इनकी तैनाती आईएनएस विक्रांत पर होगी, जो आईएनएस विक्रमादित्य के बाद भारत का दूसरा विमान वाहक पोत है। राफेल मरीन में पांच ऐसे हथियार हैं जो दुश्मनों को बेदम कर देंगे। इसमें एंटी-शिप मिसाइल ही नहीं लगी है, बल्कि जमीन और आसमान में निशाना भेदने वाली मिसाइलों से भी राफेल एम लैस है। राफेल मरीन में स्कैल्प मिसाइल लगी है, जो लंबी दूरी तक मार करने वाली क्रूज मिसाइल है। राफेल एम मेटेयोर मिसाइल से लैस है, जो लंबी दूरी तक हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल है। राफेल की ताकत को लेजर गाइडेड बम और बढ़ा देते हैं । साथ ही, यह हैमर जीपीएस से भी लैस है, जो जीपीएस के जरिए सटीक हमला करने में सक्षम है। राफेल एम में नॉन गाइडेड क्लासिक बम भी लगे हैं, जो जमीन पर बमबारी करने वाले परंपरागत बम हैं। बहरहाल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार जिस मजबूती के साथ अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अपना पक्ष रख रही है, उससे एक बात तो जाहिर है कि भारत इस बार आतंकवाद के आकाओं को सचमुच सबक सिखा कर रहेगा।
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