देहरादून,21मार्च 2025 : जिज्ञासा विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन द्वारा उत्तराखंड पुलिस के सहयोग से एक दिवसीय महिला आत्मरक्षा प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर में छात्राओं ने आत्मरक्षा के गुर सीखे और लाइव डेमोंस्ट्रेशन के माध्यम से अपराधियों से निपटने का प्रशिक्षण प्राप्त किया।
मुख्य अतिथि का मार्गदर्शन:
उत्तराखंड पुलिस की मुख्य कोच (वुशु) अंजना रानी सपकल ने मुख्य अतिथि के रूप में छात्राओं को आत्मरक्षा के महत्व और अपराधों से बचाव के उपायों पर मार्गदर्शन किया। उन्होंने महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों पर चिंता व्यक्त करते हुए छात्राओं को अपनी सुरक्षा के प्रति सतर्क रहने और आत्मरक्षा के गुर सीखकर आत्मनिर्भर बनने की सलाह दी।

प्रशिक्षण शिविर का उद्देश्य:
इस प्रशिक्षण शिविर का मुख्य उद्देश्य छात्राओं को आत्मनिर्भर बनाना और उन्हें आत्मरक्षा तकनीकों से परिचित कराना था, ताकि वे किसी भी संकट की स्थिति में अपनी सुरक्षा कर सकें।
प्रशिक्षण में शामिल तकनीकें:
प्रशिक्षण के दौरान छात्राओं को पावर पंच, किकिंग, ग्रैपलिंग और हमलावर से बचाव जैसी विभिन्न तकनीकों का अभ्यास कराया गया। विशेषज्ञों की टीम ने लाइव डेमोंस्ट्रेशन के माध्यम से छात्राओं को यह भी दिखाया कि वे किसी भी संकट की स्थिति में अपराधी से कैसे बच सकती हैं और अपनी आत्मरक्षा कर सकती हैं।

विशेषज्ञों की भागीदारी:
वुशु वर्ल्ड चैंपियन आदित्य कुमार और वुशु नेशनल मेडलिस्ट मौलिकता ने भी इस कार्यक्रम में भाग लिया और छात्राओं को आत्मरक्षा के महत्व और बचाव के तरीकों से अवगत कराया।
विश्वविद्यालय के डीन का वक्तव्य:
स्कूल ऑफ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन की डीन प्रोफेसर डॉ. वीणा हाड़ा ने महिला सुरक्षा पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि महिला सुरक्षा केवल कानून व्यवस्था का विषय नहीं है, बल्कि यह सामाजिक जागरूकता और व्यक्तिगत सशक्तिकरण से भी जुड़ा हुआ है।
कार्यक्रम की सराहना:
जिज्ञासा विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. शंकर रामामूर्ति ने इस कार्यक्रम की सराहना की और भविष्य में भी इस प्रकार के प्रशिक्षण शिविर आयोजित करने पर जोर दिया।

धन्यवाद ज्ञापन:
कार्यक्रम के अंत में उत्तराखंड पुलिस और सभी विशेषज्ञों को इस सफल आयोजन के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया गया।